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शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

Maa माँ


तेरे पलकों की छाँव तले
जब मै अपने आँसू सुखाती हूँ .......
माँ तब मै बहुत सुकून पाती हूँ ........

तेरे ममतामयी आँचल तले
कुछ देर जो सो जाती हूँ .....
माँ तब मै बहुत सुकून पाती हूँ ......

तू बहुत अच्छी तरह से जानती है माँ 
की मै, छोटी - छोटी बात पर 
बहुत जल्दी उदास हो जाती हूँ......
बेचैन होकर तेरे सीने से लग जाती हूँ
सच माँ, तब मै बहुत सुकून पाती हूँ ......

इधर उधर की बातों से 
जब तू मुझको फुसलाती है .......
छोटे - बड़े उदाहरण देकर जब तू 
मुझको समझाती है.......
धीरे - धीरे , हौले - हौले 
जब बालों को सहलाती है
माँ तब मै बहुत सुकून पाती हूँ......

मेरी पसंद की चीजे तू बिन मांगे ही ले आती है
मेरे चेहरे की ख़ुशी देख 
माँ तू कितनी खुश हो जाती है .......
तेरी ख़ुशी में माँ मै अपने गम भूल जाती हूँ
तेरे पास आकर माँ मै बहुत सुकून पाती हूँ.......
............................................................................................
..................................................................................................

34 टिप्‍पणियां:

  1. माँ का साथ हमेशा शुकून भरा होता है
    बहुत सुन्दर, भावपूर्ण
    आपकी माताजी को मेरा प्रणाम !

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  2. माँ जैसा कोई नहीं, बहुत सुंदर कहा आपने

    जवाब देंहटाएं
  3. माँ की बराबरी कोई नही कर सकता,बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती। आप माँ जी की प्रतिरूप ही हैं।
    माँ को नमन।

    जवाब देंहटाएं
  4. आप का सुकून हमेशा आपके सर पर बना रहे .....खुबसूरत अहसास !
    शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर भाव रीना....तस्वीर भी बहुत प्यारी है....

    जवाब देंहटाएं
  6. काफी समय के बाद लिखा है ,और विषय भी खूब चुना ''माँ ''

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल - सोमवार- 26/08/2013 को
    हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः6 पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें, सादर .... Darshan jangra

    जवाब देंहटाएं
  8. माँ के जैसा इस दुनिया में कोई दूसरा नहीं ... सुन्दर प्रस्तुति....

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  9. माँ पे लिखा तो एक शब्द भी काव्य सामान है

    जवाब देंहटाएं
  10. माँ के प्यार में निस्वार्थ भाव को समेटती आपकी खुबसूरत रचना.....

    जवाब देंहटाएं
  11. तेरे पलकों की छाँव तले
    जब मै अपने आँसू सुखाती हूँ .......
    माँ तब मै बहुत सुकून पाती हूँ ........

    बहूत खूब .. सुन्दर अभिव्यक्ति ..

    जवाब देंहटाएं
  12. आपको पढ़ते हुए एकदम से माँ की छवि आँखों के सामने छा गयी ......

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  13. तेरे ममतामयी आंचल तले
    कुछ देर जो सो जाती हूं.....
    मां ! तब मै बहुत सुकून पाती हूं......

    भावनाप्रधान रचना

    आदरणीया रीना मौर्य जी
    आपकी माताजी और आप एक जैसी ही दिख रही हैं...
    बहुत अच्छा लगा ।
    माताजी को मेरा प्रणाम कहिएगा !

    कविता अच्छी है...
    और श्रेष्ठ सृजन हेतु शुभकामनाएं !


    मंगलकामनाओं सहित...
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  14. रीना जी माँ के बारे कितना भी कहें लिखे कम है .....सुंदर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  15. माँ एक ऐसा शब्द है जिसके आगे कुछ कहने की ज़रुरत ही नहीं.. अद्वितीय पोस्ट....

    जवाब देंहटाएं
  16. माँ होती है सुकून के लिए कल्प तरु की तरह

    जवाब देंहटाएं
  17. माँ का दूसरा नाम ही सुकून है...बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति...

    जवाब देंहटाएं
  18. माँ सुकून की गह्त्री लिए रहती है साथ में उम्र भर ...
    उसकी छाया कभी कम नहीं होती ...
    सुन्दर भावमय ... दिल को छूती हुई रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  19. तेरे पलकों की छाँव तले
    जब मै अपने आँसू सुखाती हूँ .......
    माँ तब मै बहुत सुकून पाती हूँ ........

    सुन्दर रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  20. माँ के आंचल सा सुकून और कहां ।

    जवाब देंहटाएं
  21. अभी बहुत देर माँ से बातें की हैं फोन पर, और अब आपकी ये कविता!! :)

    जवाब देंहटाएं
  22. माँ के बारे कितना भी कहें लिखे कम है

    जवाब देंहटाएं

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