करवट - करवट बदलती
..... सिलवट - सिलवट चादरों की .....
चुप सी बात , ढ़ेर सारे जज्बात
.......दो अजनबी एक रात .....
.......मुस्कानों की बरसात.....
कभी दाएँ से- कभी बाएँ से
भीनी खुशबू, मोगरे की वास
......अँधेरी रात ......
....माथे का अधुरा चमकता चाँद .....
नींद को तोड़ती
......कंगन की खनखनाहट .....
पर खामोश जुबान
.....मुस्कुराहट बार - बार कई बार ....
अब ख़त्म हो गई
अधूरे चाँद की पूरी रात
.......लो भोर जो हो गई .....
सुन्दर बीती रात
अनछुए पहलू से
पूर्ण निष्ठा और विश्वास
दो सूत्र मिले
......महकाने को घर - संसार .....
उस अधूरे चाँद की पूरी रात में......
इस सूत्र के साथ हो गई नई शुरुवात
......नए रिश्तों के सुन्दर सफ़र की.....
..... सिलवट - सिलवट चादरों की .....
चुप सी बात , ढ़ेर सारे जज्बात
.......दो अजनबी एक रात .....
.......मुस्कानों की बरसात.....
कभी दाएँ से- कभी बाएँ से
भीनी खुशबू, मोगरे की वास
......अँधेरी रात ......
....माथे का अधुरा चमकता चाँद .....
नींद को तोड़ती
......कंगन की खनखनाहट .....
पर खामोश जुबान
.....मुस्कुराहट बार - बार कई बार ....
अब ख़त्म हो गई
अधूरे चाँद की पूरी रात
.......लो भोर जो हो गई .....
सुन्दर बीती रात
अनछुए पहलू से
पूर्ण निष्ठा और विश्वास
दो सूत्र मिले
......महकाने को घर - संसार .....
उस अधूरे चाँद की पूरी रात में......
इस सूत्र के साथ हो गई नई शुरुवात
......नए रिश्तों के सुन्दर सफ़र की.....
धन्यवाद सर :-)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर जजबात .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंसस्नेह
अनु
जज्वातों की सुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंlatest post गुरु वन्दना (रुबाइयाँ)
LATEST POSTअनुभूति : Teachers' Honour Award
चुप सी बात , ढ़ेर सारे जज्बात
जवाब देंहटाएंदो अजनबी एक रात .....wahhh
करवट - करवट बदलती
जवाब देंहटाएंसिलवट - सिलवट चादरों की
....बहुत ही सुंदर....शुरूआती पंक्तियों ने ही मन को छू लिया रीना जी
Beautiful as always.
जवाब देंहटाएंIt is pleasure reading your poems.
बहुत ही सुन्दर बेहतरीन अभिव्यक्ति,धन्यबाद।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर.............
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन ! बेहतरीन रचना !
जवाब देंहटाएंRECENT POST : बिखरे स्वर.
वाह बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंwah ! bahut sundar pyar say bhari pyari rachna
जवाब देंहटाएंप्रेम की चासनी में डूबे शब्द ...
जवाब देंहटाएंप्रेम की महक छू के गुज़र गई हो जैसे ...
behtreen
जवाब देंहटाएंप्रेम के भाव से भरी बहुत खुबसूरत रचना !!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद :-)
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएं..... सिलवट - सिलवट चादरों की .....
चुप सी बात , ढ़ेर सारे जज्बात
सुंदर रचना ...
बहुत खुबसूरत रचना...
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जवाब देंहटाएंभीनी खुशबू, मोगरे की वास
......अँधेरी रात ......
....माथे का अधुरा चमकता चाँद .....
नींद को तोड़ती
......कंगन की खनखनाहट .....
पर खामोश जुबान
.....मुस्कुराहट बार - बार कई बार ....
बहुत सुंदर, बहुत कोमल प्रस्तुति।
पूर्ण निष्ठा और विश्वास.....sukhi jivn ke do aadhar ...sundar rachna ..
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग पर पहली बार आया हूँ। अच्छा ब्लॉग है। और आपकी यह कविता प्रेम की एक महान, नैतिक अभिव्यक्ति है। घर-संसार को सकारात्मक प्रेरणा से भरने का आह्वान करती कविता। मैंने ये टिप्पणी इसलिए नहीं कि इसे देख कर आप मेरे ब्लॉग तक आएं और वहां पर मेरी पोस्ट पर टिप्पणी करें। आपसे प्रार्थना है मेरी पोस्ट को गम्भीरता से पढ़े बिना कोई टिप्पणी न करें।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
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