उमड़ - घुमड़ नाचते है मेरे आसपास
वो खयालों के बादल ........
बरसने से पहले जैसे बदलते है रंग बादल
आकाश में विचरते है यहाँ से वहाँ .......
फिर एक रंग और तेज रिमझिम फुहार
ऐसे ही है मेरे खयालों के बादल भी ........
विचरते है सोच की आकाश गंगा में
और जब भर आता है उनका मन .........
फिर बरस पड़ते है मेरे खयालों के बादल भी
कोरे कागज पर..........
भिगो देते है मेरे मन को अपनी भावना से ,,,,,,
इस भीगे मन से मै भी सींचने लगती हूँ
एक नई सृजन की फसल...
सुंदर भाव, शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंसृजन की नई फसल सींचने का यह उपक्रम ऐसे ही चला करे, सुन्दर।
जवाब देंहटाएंविचरते है सोच की आकाश गंगा में
जवाब देंहटाएंऔर जब भर आता है उनका मन .........
फिर बरस पड़ते है मेरे खयालों के बादल भी
बहुत सुंदर .
ख्यालो के बादल ,बस यूँ ही बरसते रहे |
जवाब देंहटाएंश्रृष्टि हरि भरी हों,मन हर्षाते रहे |
-डॉ अजय |
“अजेय-असीम{Unlimited Potential}”
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद राजीव जी....
जवाब देंहटाएं:-)
नमस्कार आपकी यह प्रस्तुति आज मंगलवार (01-10-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अरुन जी...
हटाएं:-)
वाह बहुत सुन्दर सृजन रीना जी ..
जवाब देंहटाएंwah bahut sunder...
जवाब देंहटाएंऐसे ही होते हैं ये बादल ... कहां भ्रमण कर आते हैं पल भर में ... भावपूर्ण रचना ...
जवाब देंहटाएंसोच की आकाशगंगा में विचारों के बादलों का विचरण बहुत सुंदर बन पड़ा है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सृजन ,सुन्दर शब्द चयन !
जवाब देंहटाएंनवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
नई पोस्ट साधू या शैतान
ख्यालों के बादल ऐसे ही है..कब घुमड़ आये कुछ पता ही नहीं होता।।।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया,सुंदर भावपूर्ण रचना ...
जवाब देंहटाएंbhawpurn ........
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंभिगो देते है मेरे मन को अपनी भावना से ,,,,,,
जवाब देंहटाएंइस भीगे मन से मै भी सींचने लगती हूँ
........दिल चाहता है ,... क्या बात है !!
बहुत ही प्यारी रचना है रीना जी ..
wah reena ji bahut sundar rachna....
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना रीना जी
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन......
जवाब देंहटाएंआपने लिखा....हमने पढ़ा....
जवाब देंहटाएंऔर लोग भी पढ़ें; ...इसलिए आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल में शामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा {रविवार} 06/10/2013 को इक नई दुनिया बनानी है अभी..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल – अंकः018 पर लिंक की गयी है। कृपया आप भी पधारें और फॉलो कर उत्साह बढ़ाएँ | सादर ....ललित चाहार
खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंरीना जी।