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सोमवार, 8 जून 2015

Prem Geet प्रेम गीत



तुझबिन जीवन सुना- सुना
जैसे कोई अधूरा सपना
सपनों को पूरा कर जाओ
एक बार तो साजन मिलने आओ


चारो ओर है पसरी उदासी
तेरे दरस को है अखियाँ प्यासी
सुना मन का अँगना है
कोई फूल प्रेम के खिला जाओ
सपनों को पूरा कर जाओ
एक बार तो साजन मिलने आओ


नहीं चाहिए गाड़ी- बंगला 
नहीं चाहिए सोने का कंगना 
सिर्फ तेरी ही चाहत है
मेरी चाहत को समझ भी जाओ
सपनों को पूरा कर जाओ
एक बार तो साजन मिलने आओ


तन- तरसे मन- तरसे 
अँखियाँ जोर-जोर बरसे 
घनी अँधेरी रात छाई है
एक दीप प्रेम के जला जाओ 
सपनों को पूरा कर जाओ
एक बार तो साजन मिलने आओ 

19 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर गीत, भावपूर्ण अभिव्यक्ति. बहुत दिनों के बाद पोस्ट देखकर अच्छा लगा.

    जवाब देंहटाएं
  2. प्रेम में बस मिलन की ही कामना रहती है ... बहुत ही भावपूर्ण रचना है ...

    जवाब देंहटाएं
  3. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, पतन का कारण - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. मेरी पोस्ट को ब्लॉग बुलेटिन में स्थान देने के लिए आपका बहुत- बहुत आभार...
      :-)

      हटाएं
  4. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण गीत...

    जवाब देंहटाएं
  5. यह विरह वेदना ही प्रेम की गहराई का पता देती है। सुंदर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  6. तुझबिन जीवन सुना- सुना
    जैसे कोई अधूरा सपना
    .......मिलन की ही कामना रूह और मुहब्बत लाइलाज है ...खूबसूरत अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर ...पहले की तरह !

    वर्षों बाद ब्लॉग में फिर से सकिर्य हुआ हूँ !
    आभार !

    जवाब देंहटाएं

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