उसकी दूरी का ये अहसास खलता बहुत है
उससे मिलने की तमन्ना दिल करता बहुत है...
तस्वीरों में देखती हूँ उसे इसके - उसके साथ
अपनी तस्वीर में उसे सजाऊँ ऐसी हसरत भी बहुत है...
दिवार - ए - जात हमारे मोहब्बत के दरमियाँ खड़ी है
दरख्तों के साए में खुद को छुपाऊँ जी करता बहुत है...
उसकी इबादत - ए- मोहब्बत इस कदर भा गयी है मुझे
की उसको पाने की खातिर दील मचलता बहुत है...
खोकर उसको जीना ये मुमकिन नहीं रीना
उसको खोने के डर से ही ये दील सहमता बहुत है...
उसकी दूरी का ये अहसास खलता बहुत है
उससे मिलने की तमन्ना दिल करता बहुत है...
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रविवार, 4 नवंबर 2012
Usaki Duri Ka Ye Ahsa Khalata Bahut Hai उसकी दूरी का ये अहसास खलता बहुत है
रविवार, 28 अक्टूबर 2012
Mera Wajud Tum Sambhale Rakhana ** मेरा वजूद तुम संभाले रखना **
मै रहूँ ना रहूँ तुम्हारी जिंदगी में
मेरा वजूद तुम संभाले रखना ....
मेरी यादें अपनी यादों में सजाकर रखना
कभी - कभी मुझे यादकर मुस्कुराते रहना ....
जरुरी नहीं बंधन सात जन्मों का ही हो
मेरे अहसासों को गांठ बांधकर
अपने सीने से लगाए रखना .......
पर कभी मुझे खुद से जुदा न करना ......
जब सब मिले मुझसे महफ़िल - ए - आम में सनम
तुम चुपके से कभी मेरी तनहाइयों से तो मिलना
जब सब डाले मेरे अंत शरीर पर फूल सनम ,,,,
सबके जाने के बाद तुम दो बूंद
आँसू जरुर बहाना....
मुझे अपनी यादों में सजाना
पर कभी मुझे खुद से जुदा मत करना....
मै रहूँ ना रहूँ तुम्हारी जिंदगी में
मेरा वजूद तुम संभाले रखना
मेरी यादें अपनी यादों में सजाकर रखना .....
पर कभी मुझे खुद से जुदा मत करना....
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शनिवार, 20 अक्टूबर 2012
Ruthe Huve Ho Kyun रूठे हुवे हो क्यूँ...
खता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....
दी सदायें मोहब्बत की बहुत
पर उसने माफ़ी ना दी....
दी दलीले बहुत खता की
पर उसने सजा ही दी....
रूठ बैठे है वे जालिम
छोटी सी बात पर.......
और कहते रहे सभी से
की हमने वफ़ा ना की....
कब तक मनाएगी रीना
उस रूठे मोहब्बत को......
जिसे तेरे दर्द - ए - दिल की
धड़कन भी सुनाई ना दी.....
खता कुछ कर गई मैं
पर वफ़ा भी कम ना की....
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रविवार, 14 अक्टूबर 2012
Kaisy -Kaisy Boli कैसी - कैसी बोली...
बोलियों की बोली
सबसे अच्छी बोली..
काम करवाने में सफल है
सुनों - सुनाओं
रोज उपयोग में लाओ
मीठी बोली..
इस बोली पर किसी का रोक नहीं
सब पर इसका दावा है
प्रेमी - प्रेमियों के लिए
सबसे बढियाँ बोली
दिल जितने में सफल
सुन्दर - सुन्दर मनमोहिनी
सुन्दर - सुन्दर मनमोहिनी
प्यारी बोली...
थोड़ा - थोड़ा प्यार
थोड़ा - थोड़ा टकरार
कभी देती माँ का प्यार
कभी सास बनकर रहती तैयार
बहुओं की प्यारी सास
सास की प्यारी बहुएँ
करे एक - दूजे पर प्रहार
सास-बहु की ये
तीखी बोली...
" मै " का महत्व बढ़ाना है
सबसे आगे जाना है
तो बोलो ऐसी बोली
जो कर दे सबको पस्त
सबसे अधिक वे लोग करते
है इसका इस्तेमाल
जो ना देख सके किसी को मस्त
वो बोलें हैं
कड़वी बोली..
कर दे काया पलट सभी का
रंगीन , खुशहाल जीवन में
स्याह रंग भर दे
करती कमाल झट - फटाफट
सबसे खतरनाक,, सबसे असरदार
ऐसी है ये
जहरीली बोली...
कैसी - कैसी बोली...
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