शनिवार की शाम
जब फुर्सत के पल होते हैं..
और सुकून की सांसे लेते हम..
और हमारे साथ विस्तृत आसमान ...
चमचमाती चाँदनी , ठंडा चाँद...
महकती हवा ,
और गरमागरम चाय की प्याली
एक तुम्हारे हाँथ में,, एक मेरे हाँथ में
हर घूँट के बाद एक अरमान , एक ख्वाहिश
एक सपने , एक वादे
एक तुम्हारी होती उसपर मेरी हाँ
एक मेरी होती उसपर तुम्हारी हाँ..
हर हाँ पर एक मीठी सी मुस्कान..
पर शायद तूम्हारी तरफ से मिठास
कुछ ज्यादा ही हो गयी थी..
इसलिए तुम्हारे विदेश जाने की
बात पर भी मै हाँ कह गयी थी ....
अब देखो ..
वही शनिवार की शाम है..
विस्तृत आसमान
चमचमाती चाँदनी , ठंडा चाँद...
महकती हवा ,
और गरमागरम चाय की प्याली
बस तुम नहीं..
तुम्हारी जगह तुम्हारी यादों ने ले ली है..
वो कहते हैं न,, अति हर चीज की बुरी होती है..
और अब देखो ,,
तुम्हारी मीठी चाय से
हो गयी न मुझे तन्हाई की डायबिटीज...
"तुम्हारी मीठी चाय से
जवाब देंहटाएंहो गयी न मुझे तन्हाई की डायबिटीज..."
बहुत बढ़िया उपमा।
सादर
तुम्हारी जगह तुम्हारी यादों ने ले ली है
जवाब देंहटाएंवो कहते हैं न अति हर चीज की बुरी होती,,
बहुत सुंदर उत्कृष्ट रचना,,,
recent post : प्यार न भूले,,,
बेहद गहन अभियक्ति रीना जी वाह क्या कहने, बहुत सच्चाई से लिखी गई खूबसूरत रचना. बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंअब देखो ..
वही शनिवार की शाम है..
विस्तृत आसमान
चमचमाती चाँदनी , ठंडा चाँद...
महकती हवा ,
और गरमागरम चाय की प्याली
बस तुम नहीं..
तुम्हारी जगह तुम्हारी यादों ने ले ली है..
वो कहते हैं न,, अति हर चीज की बुरी होती है..
और अब देखो ,,
तुम्हारी मीठी चाय से
हो गयी न मुझे तन्हाई की डायबिटीज...
सदा की तरह आपकी कविता में भावों की गहनता व प्रवाह के साथ भाषा का सौन्दर्य भी अपनी दिव्य रूप में उपस्थित है !
जवाब देंहटाएंबहुत सराहनीय प्रस्तुति.
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंतन्हाई की डायबिटीज़ ...बिलकुल नया रूपक ... सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबड़ी सुन्दर उपमा है, तन्हाई की डायबिटीज...बहुत अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंतुम्हारी मीठी चाय से
जवाब देंहटाएंहो गयी न मुझे तन्हाई की डायबिटीज...
वाह ... क्या बात है बेहद लाजवाब पंक्तियां
बहुत ही सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंरुद्राक्ष का आध्यात्मिक और औषधीय महत्व - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर...
हटाएं:-)
तनहाई की डायबिटीज़ !
जवाब देंहटाएंभोली-सी कविता को इस उपमा ने अनूठी बना दिया है।
रूह ने इश्क का फरेब दिया
जवाब देंहटाएंज़िस्म को ज़िस्म की अदावत में
अब फकत आदतो की वर्जिश है
रूह शामिल नहीं शिकायत में................
प्यार के क्षण याद करने की अदबुत शैली । बधाई रीना जी ।
जवाब देंहटाएंचाय के साथ बहुत सारी यादे ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर !
जवाब देंहटाएंकल 25/11/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
धन्यवाद यशवंत जी...
हटाएं:-)
धन्यवाद वंदना जी...
जवाब देंहटाएं:-)
वाह,बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंवैसे विदेश में रहने वाले शायद आपसे ज्यादा तन्हां हैं। उनके लिए हर रोज शाम एक नयी तन्हाई लेकर आती है। लेकिन आपने क्या ही खूब नक्षा खिंचा है।
जवाब देंहटाएंऔर अब देखो ,,
जवाब देंहटाएंतुम्हारी मीठी चाय से
हो गयी न मुझे तन्हाई की डायबिटीज...एक नया अंदाज़ ...एक नई सोच ....अच्छी लगी ...:)
सुन्दर अभिव्यक्ति. सदियाँ गुज़र जाती है पर यादों के सहारे प्यार यूँ ही कायम रहता है.
जवाब देंहटाएंदिल को छू लेने वाली रचना
जवाब देंहटाएंफेसबुक थीम को बदले
तन्हाई की डायबिटीज...मीठी तन्हाई यादों की ....
जवाब देंहटाएंफिर भी कबूल है :-))
खुश रहें!
और अब देखो ,,
जवाब देंहटाएंतुम्हारी मीठी चाय से
हो गयी न मुझे तन्हाई की डायबिटीज...
...वाह! बहुत संवेदनशील अभिव्यक्ति...
तुम्हारी जगह तुम्हारी यादों ने ले ली है..
जवाब देंहटाएंवो कहते हैं न,, अति हर चीज की बुरी होती है..
और अब देखो ,,
तुम्हारी मीठी चाय से
हो गयी न मुझे तन्हाई की डायबिटीज...
heart touching lines
बहुत बढ़िया ..
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अहसास .....बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंतू नहीं ,तेरा गम,तेरी यादें ही सही
जवाब देंहटाएंमोहब्बत में मिली रुस्वाइयाँ ही सही
"तुम्हारी मीठी चाय से
जवाब देंहटाएंहो गयी न मुझे तन्हाई की डायबिटीज.."
और अब देखो ,,
जवाब देंहटाएंतुम्हारी मीठी चाय से
हो गयी न मुझे तन्हाई की डायबिटीज...
मीठे अहसास
बहुत बढ़िया रचना है .परदेशी की याद ,दूर बसे प्रीतम की पाती सी ,साहूकार की थाती सी ,हर पल आती सी ...
जवाब देंहटाएंतन्हाई की डायबिटीज....
जवाब देंहटाएंअद्भुत प्रस्तुतीकरण !!!