फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

geet khushi ke गीत ख़ुशी के


जो गीत कभी तुम गाते थे 
वो गीत ख़ुशी के गाउँ मैं
थोड़ा तुम मुझको समझो प्रिय 
थोड़ा खुदको तुम्हें समझाऊँ मैं 

किसके प्रेम का भार है कितना
प्रेम को तराजू में क्यूँ तौले
सच्चे प्रेम का अर्थ दो दिलो का मिलना है
आज अब हम भी एक-दूजे के हो ले
कभी गढ़ों तुम प्रेम की भाषा 
कभी मुखरित हो जाऊँ मैं 

जो गीत कभी तुम गाते थे 
वो गीत ख़ुशी के गाउँ मैं....

ना अहम ना छल - कपट हो
ना ही हो अविश्वास जरा सा 
प्रेम भावना हो सच्ची दोनों के मन में
कोई ना थोड़े किसी की आशा 
प्रेम पंछी बन संग तुम्हें ले 
नील गगन में उड़ जाऊँ मैं

जो गीत कभी तुम गाते थे 
वो गीत ख़ुशी के गाउँ मैं....


hindi prem geet,hindi prem kavita,hindi prem kahaniya,hindi love poem,hindi love story,hindi love quotes,hindi love shayari,hindi poetry on girls,hindi poetry for girls,hindi poetry for mother,haiku,hindi short story,nature hindi poem,hindi prem kahaniya.

17 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. रीना जी , आप ने बहुत ही सुंदर रचना लिखी है । यदि आप चाहे तो शब्दनगरी www.shabdanagari.in पर भी अपनी उत्तम रचनाए प्रकाशित कर सकती है ताकि हम इन्हे आपके नाम से लोकप्रिय रचनाओ मे सम्मिलित कर सके । हमे शब्दनगरी पर आपकी उत्तम रचनाओ का इंतज़ार रहेगा ।
      प्रियंका शर्मा - शब्दनगरी संगठन

      हटाएं
  2. बहुत सटीक और भावपूर्ण अभिव्यक्ति...बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह!! बहुत सुंदर गीत सुंदर भाव से सजा हुआ...बधाई...

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रेम की सुन्दर अभिव्यक्ति ... लाजवाब गीत ...

    जवाब देंहटाएं
  5. गीत भी सुन्दर, तस्वीर भी सुन्दर.

    जवाब देंहटाएं
  6. जितने सुंदर गीत उतने सुंदर भाव।

    जवाब देंहटाएं
  7. होली के आगमन पर आह्ह्ह एक से बढ़्कर एक हैं मन को छोटी बहुत खूबसूरत रचना....बधाई स्वीकारें !

    जवाब देंहटाएं

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...